29 जुलाई को भी बंधन मुक्त नहीं हो पायेंगे कक्का? श्रीगोपाल गुप्ता अगामी 29 जुलाई को ढाई करोड़ के सभी सुविधाओं से लैश आधुनिक रथ में सवार होकर मुरैना ‘जन आशीर्वाद यात्रा ‘ के लिए आम मतदाता से आशीर्वाद प्राप्त करने आ रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बुधारा घाट के रास्ते तकरीबन एक बजे जिले की सीमा में प्रवेश करेंगे। पोरसा अम्बाह सहित बीच में पढ़ने वाले गांवों व दिमनी विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का आशीर्वाद प्राप्त करते हुये शाम 5.30 बजे मुरैना शहर में आगमन करेंगे। मुख्यमंत्री के यात्रा समन्वयक ब्रिजेश लूनावत के द्वारा जारी यात्रा कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह शहर में करीब चार घण्टे रहेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री एक विशाल रोड शो कर और एक आमसभा को संबोधित करते हुये अपने पन्द्रह बर्षों में भाजपा सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यों के ऐवज में आशीर्वाद प्राप्त करने का भरपूर प्रयास करेंगे।जिससे अगामी विधानसभा चुनाव में चौथी मर्तबा सरकार बना सकें। अब यह अलग बात है कि ये भविष्य के गर्भ में है कि मुरैना की जनता उनके विकास कार्यों के लिए कितना और कैसा आशीर्वाद उन्हें देगी? मगर उनके तय कार्यक्रम के अनुसार अब यह लगभग तय है कि उनकी पिछली मुरैना यात्राओं की तरह इस दफा भी गोवा मुक्ति आदोंलन के अगुवा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व भारतीय जनता पार्टी के चम्बल अंचल के भीष्म पितामाह स्वर्गीय कुंवर जाहर सिंह शर्मा (कक्का) की प्रतिमा को लिपटी हुई प्लास्टिक की पन्नी और रस्सी के बंधन से मुक्ति नहीं मिलेगी। क्योंकि लूनावत द्वारा जारी यात्रा कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आम मतदाता का आशीर्वाद तो लेंगे मगर अपने पितृ पुरुष स्वर्गीय श्री कक्का जी की प्रतिमा से उनका आशीर्वाद लेने का कोई इरादा नहीं है। लिहाजा शहर की लाईफ लाईन मानी जाने वाली मुरैना-सबलगढ़ (एम एस) रोड पर गुफा मंदिर के सामने तिराहे पर स्थापित मूर्ती को इसी तरह अभी बोरी और प्लास्टिक के बंधन बंधा रहने के लिए मजबूर रहना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि गुफा मंदिर के बगल से गुजर कर गोपीनाथ की पुलिया, शहर के विभिन्न स्थानों और स्वर्गीय कुंवर श्री जाहर सिंह शर्मा के निवास तक जाने वाली सड़क जिसे नाला नंबर दो कहा जाता था। नाला पटने के बाद बनी सड़क को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करीब चार-पांच साल पहले खुद ही कुंवर श्री जाहर सिंह शर्मा मार्ग घोषित कर घोषड़ा की थी कि शिघ्र ही इस मार्ग पर पूज्य कुंवर श्री जाहर सिंह शर्मा की प्रतिमा स्थापित की जायेगी। घोषड़ा के अनुसार करीब 9 माह पहले ग्वालियर के प्रसिद्ध मूर्ती कलाकार प्रभात द्वारा पांच लाख रुपयों से निर्मित प्रतिमा स्थापित कर भी दी गई। बावजूद इसके कक्का की मूर्ती का अनावरण अभी तक नहीं हो पाया है लिहाजा मूर्ती बोरी प्लास्टिक में बंधी होकर अपने लाखों प्रशंसकों को निराश कर रही है।जबकि मुख्यमंत्री और कई केन्द्रीय मंत्री कई मर्तबा मुरैना अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने आ चुके हैं।मगर जन-जन के प्यारे और चम्बल की धरा की राजनीति के अज्ञातशत्रु कुंवर श्री जाहर सिंह शर्मा की प्रतिमा के प्रति इन जनप्रतिनिधियों की बेरुखी बाकई क्षेत्र की जनता और उनके प्रशंसकों के लिए भारी कष्ट और दुखः का विषय है।अपने बचपन से ही राष्ट्रीय स्यंमसेवक संघ से जुड़े कक्का का चम्बल संभाग में भाजपा को स्थापित करने का श्रेय जाता है। वे भाजपा के संस्थापक सदस्य होकर सबके प्रिय थे और यही कारण था कि विरोधी दलों के नेता भी कक्का का सानिध्य और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना अपना सौभाग्य मानते थे। कक्का कई मर्तबा जनसंघ और भाजपा के विधायक रहे और सन् 1977 में तात्कालीन मुख्यमंत्री वीरेन्द्र कुमार सखलेचा और कैलाश जोशी के खास रहे और संसदीय सचिव रहते हुये उन्होने चम्बल में सिंचाई के लिए नहरों का जाल बिछा दिया था जिससे चम्बल में कृर्षि क्रांती आ गई थी। चूंकि अगामी नवंबर व दिसंबर में प्रदेश विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में कक्का जी और उनकी प्रतिमा अनावरण के प्रति भाजपा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बेरुखी कहीं सरकार और भाजपा को भारी न पढ़ जाये?क्योंकि अपने नायक की प्रतिमा से चम्बल की जनता विशेषकर ब्राह्मण समाज भारी रोष में है।

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